- amulya panda
ओपल ही वह शक्तिशाली रत्न है जो शीघ्र ही दूर करता है पति-पत्नी के बीच की खटास
Updated: Nov 22, 2020

ओपल रत्न पति-पत्नी के विवादों को पल भर में दूर करने वाला बहुत ही चमत्कारिक रत्न है। शुक्र का सम्बन्ध विवाह से होता है, ओपल शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। हिंदी में ओपल को दूधिया पत्थर के नाम से भी जाना जाता है। ओपल तुला, वृषभ, लग्न वाले जातक या जिसकी कुंडली में शुक्र फलदायी नहीं होता, शुक्र का बल कम होता है, ऐसे जातक के लिए रत्न धारण करना बहुत ही लाभकारी होता है।
ओपल पहनने से पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका के बीच यदि खराब सम्बन्ध है, तो जल्दी से जल्दी ओपल धारण करना चाहिए। यह रत्न मान-सम्मान में वृद्धि करता है तथा उलझे हुए दाम्पत्य जीवन तथा प्रेम-संबंधों में मधुरता लाता है।

ओपल पत्थर क्या है?

ओपल पत्थर एक प्रकार के धातु से बना जैल है, जो बहुत ही कम तापमान पर चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, आग्नेय चट्टान, मार्ल और बेसाल्ट जैसे चट्टान की दरारों में इकठ्ठा होने से बनता है। यह एक पारदर्शी रत्न है। यह सभी रंगों में सबसे रंगीन है और इसके इन्द्रधनुषी रंगों के कारण ये सभी रत्नों में सबसे अधिक सुन्दर दिखाई देता है। दाम्पत्य जीवन के सुख के लिए दूधिया रंग का ओपल पत्थर सबसे लाभदायक होता है।
ओपल का मुख्य स्रोत

ओपल मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया अकेला ही दुनिया का लगभग 95% ओपल पैदा करता है। अन्य देशों में भी ओपल रत्न पाया जाता है, मैक्सिको, ब्राजील,ऑस्ट्रेलिया तथा दक्षिण अफ्रीका में भी ओपल रत्न का उत्पादन होता है।
ओपल रत्न किसे धारण करना चाहिए?

ज्योतिष के अनुसार ओपल रत्न (Venus) ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। जिस जातक की जन्म कुंडली में तुला तथा वृषभ लग्न हो या जिसकी जन्म राशि तुला या वृषभ हो वह जातक ओपल रत्न बिना संकोच धारण कर सकता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र बलवान नहीं है उस जातक को भी ओपल रत्न धारण कर अपने शुक्र को मजबूत करना चाहिए। कर्क और मकर लग्न की कुंडली वाले जातक भी ओपल रत्न धारण कर सकते है।
ओपल रत्न पहनने से लाभ

अधिकतर मामलों में ओपल रत्न धारण करने के कारण महिलाओं तथा पुरुषों के निजी जीवन में प्यार और रोमांस को पुनर्जीवित किया है।
दाम्पत्य जीवन में स्थिरता लाता है यह रत्न

दाम्पत्य जीवन में या प्रेम संबंधों में यदि अकारण कलह, दरार, अनबन या अलगाव या तलाक की स्थिति उत्पन्न हो रही हो तो उस स्थिति में परेशान शादीशुदा जीवन में स्थिरता लाने के लिए ओपल रत्न धारण किया जाता है, इसे धारण करने से उत्पन्न विवादों को शीघ्र ही दूर किया जा सकता है।
स्वास्थ्यवर्धक

ओपल आँखों से सम्बंधित रोग, मानसिक तनाव, उदासीनता, आलस्य, लाल रक्त कणिकाओं से सम्बन्धित रोगों से राहत दिलाता है। यौन शक्ति को विकसित करता है, क्योंकि यह शुक्र ग्रह का कारक है और शुक्र वीर्य का कारक है। यह शारीरिक तंदरुस्ती भी प्रदान करता है। यह रत्न आपके शरीर के हार्मोनल स्राव के संतुलन को बनाएं रखने में मदद करता है। गुर्दे की बीमारी को भी यह रत्न ठीक करता है।
आकर्षण शक्ति में वृद्धि

इस रत्न के प्रभाव से आकर्षण शक्ति का विकास होता है तथा सौन्दर्य शक्ति में भी वृद्धि होती है। अधिकतर मामलों में यह रत्न बहुत कारगर सिद्ध हुआ है।
कलात्मक क्षेत्रों में लाभकारक

संगीत, चित्रकला, नृत्य, अभिनेता, अभिनेत्री, टीवी, फिल्म, थिएटर, कम्पूटर, आईटी से सम्बंधित काम करने वाले लोगों के लिए यह रत्न धारण करना बहुत ही लाभप्रद होता है।
इन व्यापारियों के लिए फायदेमंद

ओपल रत्न उन लोगों को जो कपडे, फैशन, गहने, कलाकृतियों, महंगे, वस्त्र, कारें, आदि के सौदेबाजी से जुड़े रहते है या वो लोग जो आयात-निर्यात का व्यापार करते है, उन्हें ओपल धारण करने से लाभ होता है।
ओपल पहनने की विधि
दिन- शुक्रवार
होरा- शुक्र
पक्ष- शुक्ल
नक्षत्र -भरणी, पूर्व फाल्गुन, पूर्व अषाढ़ा
ओपल रत्न शुक्रवार के दिन या शुक्र की होरा में धारण किया जाता है। ओपल सीधे हाथ की तर्जनी अंगुली में धारण करते है। इस रत्न को धारण करते समय शुक्र देव को याद करते हुए 108 बार मंत्र – ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः का जाप करना चाहिए, उसके बाद विधिवत संकल्पपूर्वक धूप, दीप मिष्टान्न से पूजा अर्चना करके अंगूठी को पहनना चाहिए।
MR. AMULYA SHASTRIJI
VASTU ADVISER/ ASTROLOGER
MAA KALI VASTU JYOTISH
SHOP NO. 225, RAGHULEELA MALL, GROUND FLOOR, SECTOR 30, OPP. VASHI RAILWAY STATION VASHI, NAVI MUMBAI- 400703.
Contact no: 9029583242